लोग कहते हैं कि पहले के जमाने में तो लोग खूब दूध दही घी मक्खन खाते थे फिर भी मोटे नहीं होते थे | घी मक्खन और भारतीय तले खाना खाने से मोटा होने की बात एक मिथ हैं | ये कहते लोग भूल जाते हैं कि पहले के लोग शारीरिक श्रम भी आज से कई गुना ज्यादा करते थे | आठ दस कोस पैदल चले जाते थे घर से बाहर निकलते स्कूटी गाड़ी में नहीं बैठते थे , ना मिक्सी था ना गैस चूल्हा और न वाशिंग मशीन | सभी का खाया पीया शारीरिक मेहनत में जल जाता था , जो कि अब नहीं होता |
खाना पान वही पुराना और लाइफ स्टाइल आधुनिक वाली , ये समस्या हैं मोटापे की | स्वस्थ रहना हैं तो या तो पुराना खानपान बदलिए या आधुनिक कम शारीरिक मेहनत वाली लाइफ स्टाइल |
अगर दोनो का तालमेल भी बीठा ले तो भी शरीर को स्वस्थ रख सकते है ।
आज सबका काम ऐसा है कि शारीरिक मेहनत कम है कुछ जगहो पर तो बिल्कुल नही है । ऐसे मे नियमित कसरत की आदत डालनी चाहिए । रोज रोज चटर पटर खाने की जगह हफ्ते मे बस एक या दो दिन उसके लिए रखे । रोज के खाने मे सलाद फल को शामिल करे और भोजन संतुलित करे । जिम से बेहतर है किसक न्यूट्रिशियन से मिल कर अपने लिए एक डायट चार्ट बनवा ले और उसे नियमित प्रयोग करे ।
सार्थक सलाह ..... लेकिन एक यही चीज़ है जो कोई नहीं लेना चाहता ।
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