जब कोरोना की वजह से दुनियाभर मे लाॅकडाउन लगा था तो ये कंपनियों के लिए भी कम मुसीबत नही था । बहुत सारी कंपनियों के कुछ काम लॉकडाउन में सिर्फ घर बैठे नहीं हो सकता था या बहुत कम काम होता था | तो ऐसे समय में कंपनियां बैठे कर्मचारियों के लिए ऑन लाइन ट्रेनिंग सेशन , वेबिनार आदि इत्यादि करवा रही थी |
इसमें विशेषज्ञों को भी बुलाया जाता है | कंपनी समय , पैसा आदि खर्च करती हैं कि जब काम शुरू हो तो कर्मचारी ऊर्जा से भरे और अच्छे से ट्रेंड रहें अपने काम को समझे | लेकिन वास्तव में होता कुछ और था |
एई दिन पतिदेव के ऑफिस में भी जूनियर के लिए ट्रेनिंग सेशन था ऑनलाइन | ट्रेनिंग देने वाली लड़की बंगलौर की कन्नड़ उसकी हिंदी अच्छी नहीं और इधर जूनियर की अंग्रेजी अच्छी नहीं | तो पतिदेव भी अपनी इच्छा से अक्सर उस ट्रेनिंग से जुड़े रहते हैं ताकि कुछ समझ ना आये तो उन्हें बाद में बता सके अपनी टीम को |
एकदिन ऐसे ही मीटिंग में पतिदेव जुड़े थे , कैमरा उनका बंद ही रहता हैं | मुझे पहले ही कह दिया की ढाई तीन घंटे डिस्टर्ब नहीं करना मुझे | हम भी सामने सोफे पर अपने लैपटॉप लिए धंसे थे | घंटे भर बाद जब पतिदेव पर नजर गयी तो वो बड़े आराम से पीछे दिवार पे सर टिकाये कान में कनखजूरा ठुसे आँख बंद कर कुर्सी पर पड़े हैं |
पहले लगा आँख बंद करके सुन रहें होंगे लेकिन जब मेरे उठने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुयी तो समझ आया ये तो सो गए हैं | हमने चुपके से बिटिया को बुलाया और उनके इस हालत में फोटो खिचवाई , वीडियों भी बनवाया वरना तो आँख खोलते कहेंगे कि सो नहीं रहा था आँख बंद करके सुन रहा था |
इतनी गहरी नींद में थे कि बिटिया ने आवाज दी फिर भी नींद नहीं खुला फिर उन्हें हिलाडुला कर जगाया गया | तब से जैसे ही वो ऐसे किसी मीटिंग में आँख बंद कर सुनते हम तकिया थमा देतें कि डिस्टर्ब नहीं करेंगे आराम से सो लो काहें मीटिंग का बहाना मार रहे हो | साथ में ये वाला गाना भी गाते " मैं गाऊं तुम सो जाओ सुख सपने में खो जाओ ------
#फ्रॉम_होमवर्क
😄😄 वर्क फ्रॉम होम के और भी बहुत फायदे होते हैं । कैमरा ऑफ था वरना तो .....
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