सबसे पहले उन सभी की हर गाजर कड़वी निकले जिन्होंने मेरे गाजर के हलवे को नजर लगा हमें चश्मिश बनाया |
खैर चार पंडितो को कुंडली दिखाकर कुल छः पंडितो ने मुहर्त निकाला तो जा कर हमारे चश्मा का गृह प्रवेश हुआ | दूकान में जा कर हमने साफ़ कहा जो सबसे सस्ता हैं वो दिखाओ | रीडिंग चश्मा हैं उसे नाक पर पहनना हैं तो महंगा ले कर क्या फायदा | छः सौ रुपये का पहला ही चश्मा हमें दाम देखते पसंद आ गया |
पतिदेव ने कहा दूसरा भी देख लो हो सकता हैं दूसरा ज्यादा अच्छा लगे | हमने कहा दूसरा देख कर क्या फायदा नाक पर पड़ा चश्मा कैसा भी हो वो कार्टून ही बनायेगा | ज्यादा पैसा दे कर कार्टून बनने की क्या जरूरत हैं | तो बोले प्रोग्रेसिव वाला ले लो ठीक से पहन पाओगी और अच्छा भी लगेगा | पता चला वो चश्मा तो तीन हजार से ऊपर का हैं |
हमने कहा ऐसा हैं कि दिखने में अच्छा तो हमें आज तक पार्लर भी ना बना सके ये चश्मा क्या बनायेगा तो जाने दो | बोले एक बार ट्राई तो करो | हमने कहा हमें पता हैं वो आँखों तक गया तो इस सस्ते वाले से अच्छा ही दिखेगा , इतना अच्छा दिखेगा कि ये सस्ता वाला उसके सामने इतना बुरा दिखेगा कि लेने का मन ही नहीं करेगा | फालतू में ट्राई करने के चक्कर में ढाई तीन हजार और खर्चा हो जायेगा |
खैर नया नया आया चश्मा बहुत इज्जत पा रहा हैं | बाद में तो वो भी यहाँ वहां फेका और फिर जरुरत पड़ने पर खोजा जायेगा |हो सकता है भविष्य मे वो चुटकुला भी दोहराये जिसमे लोग चश्मा सर पर रख यहां वहां खोजते है ।
वैसे तो चश्मे वाले ने कहा की लगातार पहनेगी तो एक दिन इसकी जरूरत नही होगी नंबर ठीक हो जाता है । आम लोग ये कह डराते है कि एक बार चश्मा पहनना शुरू किया तो वो कभी नही उतरता उलटा नंबर बढ़ जायेगा।
सच इन दोनो के बीच है । चश्मा लगने के बाद वो कभी नही उतरता । यदि बढ़ते आयु के कारण लगा है तब तो कतई नही । लगातार लगाने से नंबर जल्दी नही बढ़ता और उसे लगाने से इतना आराम मिलता है सुविधाजनक लगता है कुछ पढ़ना की व्यक्ति खुद ही नही छोड़न चाहता उसे ।
फिर तो चश्मा लगाए रहिये और पढ़ते रहिये ।
ReplyDeleteवैसे गाजर के हलवे से इसका क्या कनेक्शन है ?
गाजर मे विटामिन ए होता है जो आँखो के लिए अच्छा है 😄
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (17-7-22}
को बादलों कीआँख-मिचौली"(चर्चा अंक 4493)
पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
यह चश्मा प्रकरण बढ़िया लगा! सादर।
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