जमाने पहले इंदिरा गाँधी बनारस गयी थी । उस दौरे मे उन्होने स्थानीय पत्रकारो से बातचीत की या प्रेस कांप्रेंस जैसा कुछ कर रही थी । इतने मे एक स्थानी नया नवेला पत्रकार उनसे पुछता है कि ये गौदोलिया चौराहे पर कुड़ा घर बना है इसके लिए आप क्या करने वाली है । इंदिरा गाँधी और दिल्ली से उनके साथ आये नेता अगल बगल झांकने लगे । मतलब ये क्या मामला है भाई , जो देश की प्रधानमंत्री से इस पर सवाल किया जा रहा है । स्थानीय कुड़ाघर हटाने के लिए किससे सवाल करना चाहिए, ये उस नवेले पत्रकार को नही पता था ।
ये खबर संभव है कि गुगल करने पर आप लोगो को ना मिले , पुरानी है और मामूली है । एक दूसरी खबर बताती हूँ जो बस नौ दस साल पुरानी है और जिसकी खबर विडिओ भी आप को मिल जायेगा ।
तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण थे । उन्होंने जनता से मिलने का एक कार्यक्रम मुंबई मे रखा । नही नही ये यूपी बिहार या बाकी जगहों की तरह जनता दरबार जैसा नही था , जहां बेचारी सी निरीह जनता अपने जन सेवको के सामने रोते गिड़गिड़ाते अपनी व्यथा कहती है । और राजा साहब बिना ध्यान से सुने उसके हाथ से अप्लिकेशन ले कर अपने पीए की तरफ बढ़ा कर अपने कर्तव्यो की इतिश्री कर लेते है ।
बकायदा दक्षिण मुंबई के सबसे पाॅस इलाके के एसी ऑडिटोरियम मे कार्यक्रम रखा गया । वहा पहुँचने वाला तबका पढ़ा लिखा और पैसे से भरपूर लोग थे । सबको बारी बारी सवालो के लिए माइक दिया जा रहा था और मुख्यमंत्री जवाब दे रहे थे । अब जरा सुनिये की लोग सवाल क्या कर रहे थे , हमारे इलाके मे मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है आप क्या कर रहे है , कुड़ा , सफाई, ट्रैफिक, सड़क पर गटर के ऊपर नीचे ढक्कनो से समस्या है आदि इत्यादि ।
बेचारे मुख्यमंत्री यही जवाब देते रहे कि ये नगरपालिका यानी बीएमसी का अधिकार क्षेत्र है मेरा नही आप वहां शिकायत किजिए । वो कांग्रेस से थे बीएमसी मे सालो साल से विपक्षी शिवसेना का कब्जा था । इसलिए वो आश्वासन भी नही दे सकते थे ।
लोग कहते है इतिहास पढ़िये , सरकारो से सवाल किजिए । हम कहते है गड़े मुर्दो के बारे मे पढ़ने से कुछ नही होगा नागरिक शास्त्र पढ़ना और ठीक से पढ़ना अनिवार्य किजिए । इससे जनता कम से कम सही सवाल करना और सही व्यक्ति से सवाल करना सीखेगी । अगर जनता का सवाल ही गलत है या जवाब गलत व्यक्ति से मांगेगा तो उसे कुछ हासिल नही होगा । तो गुगल किजिए और देखिए की किस सरकार का क्या काम है किसका अधिकार क्षेत्र क्या है । तब समझ पायेगे कि कौन से सवाल मेयर , नगरपालिका से करने है कौन से मुख्यमंत्री , राज्य सरकार से और कौन से प्रधानमंत्री , केंद्र सरकार से ।
वैसे बता दूं सरकारे बहुत चालाक होती है । जैसे मुंबई मे जनता से बातचीत मे सवालो के लिए उस वर्ग को चुनती है जो राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र मे आने वाले शिक्षा और स्वास्थ्य का प्रयोग ही नही करती और दक्षिण मुंबई मे सड़क, बिजली ,पानी की समस्या वैसे भी नही होती ।
तो अपने खुद का दिमाग प्रयोग करना शुरू किजिए, सही सवाल करना शुरू किजिए, और सही व्यक्ति से करना शुरू किजिए। आजकल के पत्रकार और सोशल मिडिया वाले सेलीब्रेटी , क्रान्तिकारी चुटकुलो और विरोध के नाम पर सही सवालो को खा जा रहे है । इसका उदाहरण कल दूँगी विस्तार से |
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