पतिदेव का एक मित्र मैथ में बहुत अच्छा था | एक दिन स्कूल में मैथ के टीचर को बोल दिया की उसका तरीका टीचर के मुकाबले ज्यादा आसान हैं | टीचर ने पुरे क्लास के सामने उसे इतना कुटा कि आज से दो चार साल पहले जब उस टीचर की मौत हुई तो ग्रुप में उसने नमन भी ना लिखा |
पिछले साल आठवीं में बिटिया के मैथ के सर को बीच में अचानक बदल दिया गया तो सब बहुत दुखी हुए क्योकि बदले में जो टीचर आ रही थी वो अच्छा नहीं पढ़ाती थी | एक दिन ऑनलाइन क्लास मे किसी ने मैथ समझ नहीं आने पर डिसलाइक का बटन दबा दिया | फिर क्या था उसका देखा देखी सबने वही शुरू कर दिया | थोड़ी देर बाद जब टीचर की नजर पड़ी तो उन्होंने बड़ी शांति से कहा वो चैप्टर दुबारा पढ़ा देंगी |
बिटिया के स्कूल टीचरों का ये व्यवहार नया नहीं था ऐसे मामले को पहले भी वो बड़े आराम से लेती थी | जब सामान्य दिनों में पहले भूगोल की एक क्लास में एक लड़की ने कह दिया था मैंम बहुत बोरिंग हैं नींद आ रही हैं | तो जवाब में टीचर ने कहा चलो थोड़ा देर कुछ और इंट्रेस्टिंग बाते करते हैं फिर पढ़ायेंगे क्योकि वास्तव में भूगोल बोरिंग होता है |
हमारे समय में हम किसी टीचर से ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद भी नहीं कर सकते थे | ज्यादातर अध्यापक ऐसी बातो को अपने ईगो पर ले लेते हैं | वो ये बात नहीं समझते कि क्लास में जब चालीस से ज्यादा छात्र हैं तो उनके समझने की क्षमता अलग अलग हो सकती हैं | क्लास में बताया पढ़ाया किसी के लिए आसान तो किसी के लिए मुश्किल हो सकता हैं |
टीचर से असहमत होने का हर बार अर्थ ये नहीं होता कि टीचर गलत हैं | बच्चे को ना समझ आया तो वो आपके बताये पढ़ाये से असहमत ( समझ ना आया , पसंद नहीं आया , ठीक से नहीं पढ़ाया , बेकार पढ़ाते/ती जैसा कुछ भी ) हो संकता हैं | ये अच्छे शिक्षक की जिम्मेदारी की वो क्लास के कमजोर बच्चो को भी समझने लायक पढ़ा सके | स्मार्ट बुद्धिमान छात्रों को तो कोई भी पढ़ा सकता हैं |
कुछ समय पहले मित्र लिस्ट में से एक टीचर ने अपना अनुभव लिखा कि कैसे उनके बनाये पीपीटी को सभी ने पसंद किया लेकिन एक बच्चे ने उसे डिस लाइक किया था | उन्हें इसका दुःख हुआ और उन्होंने उस बच्चे को भविष्य का ट्रोलर कह दिया | उनके डिसलाइक पर दुःख जताने पर बच्चे ने डिसलाइक वापस ले लिया | मेरे लिए ये आश्चर्य की बात थी कि एक डिसलाइक पर नाराज होने वाली टीचर के सामने अपनी असहमति कैसे दर्ज करूँ , तो हमारी तो हिम्मत ही ना हुयी वहां कुछ कहने की । आज अपनी दिवार पर लिख दिया उम्मीद है सभी लोग पढ़ लेंगे |
मुझे तो लगा उन्होंने भविष्य में सच कहने वाले , विरोध की एक आवाज को आज ही दबा दिया | बिना ये पूछे कि असहमति किस बात पर थी ,समस्या क्या थी | अब वो बच्चा या तो भविष्य में सबकी तरह हां में हां मिलाएगा भले वो बातों से सहमत हो या ना हो या विरोध करने की जगह मौन रहेगा |
#क्लास_चालू_आहे
अर्थदर्शी अभिव्यक्ति 👍👍
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