July 31, 2022

जरुरतमंद अलग मदद का तरीका अलग

कई बार सिर्फ पैसो की मदद जरूरतमंद के कोई काम नहीं आती |उन्हे पैसो के साथ उसे कैसे सही तरिके से प्रयोग  करे ये बताने वाले की भी जरूरत होती है । जैसे हम सभी को बबा का ढाबा वाले बाबा  की घटना याद होगी । उन्हे क्राउड फंडिंग से करीब पैतालीस लाख से ऊपर की मदद मिली थी | दो ढेर चालक लोगों ने खुद को उनका वकील और मैनेजर बता पहले तो उन्हें मदद करने वालों के खिलाफ भड़काया | उस समय वो करना उनके लिए आसान भी रहा होगा क्योकि बहुत ज्यादा पैसा आने के कारण बाबा का बैंक अकाउंट  सील हो गया था और वो पैसे निकल नहीं पा रहे थे  |  


दिसंबर में उन्हें रेस्टुरेंट खुलवा दिया जो लाख रुपये महीने के खर्च के कारण फ़रवरी में ही बंद हो गया | इस बीच उन दोनों ने कितने पैसे खुद खाये कोई नहीं जानता | बाबा अपने ढाबे पर वापस हैं लेकिन गालीमत हैं कि अभी भी उनके पास उन्नीस लाख रूपये बचे हैं | 


 जो आयु बाबा की थी उसको देखते तो उनके लिए नया बिजनेस खोलना मूर्खता से ज्यादा कुछ नहीं था और  वो भी रेस्टुरेंट जैसा बिजनेस इस कोरोना और लॉकडाउन में | उसकी जगह उनके ढाबे पर और सुविधा उन्हें दे दी जाती या बैठ कर उसी दुकान पर  बेचने के लिए सामान भर दिए जाते तो उनकी आयु देखते बेहतर था | 


पैसे की जगह लोग उनकी कमाई फिक्स करने के लिए  कहीं किसी ऑफिस , हॉस्टल में टिफिन सर्विस शुरू करवा देने जैसी मदद करते तो इतने ज्यादा  पैसे के बिना भी उनकी मदद हो जाती | कई बार लगता हैं इतने पैसे में तो कई गरीबो की मदद हो सकती थी | कई परिवारों का जीवन इस पैसे से सुधर सकता था लेकिन मदद के लगभग 20 लाख रूपये बर्बाद कर दिया गया या लूट लिया गया | 

मैंने सुना हैं कौन बनेगा करोड़पति में भी पैसे जीतने के बाद लोगों को आर्थिक सलाह दिया जाता हैं | मुझे याद हैं अक्षय कुमार ने भी सैनिको के लिए एक एप्प बनाया था जिसमे लोग सीधे सैनिको के अकाउंट  में पैसे डाल सकते थे लेकिन उसमे एक सैनिक को पांच लाख रुपये मिलते ही वो अपने आप उस एप्प से हट जाता और लोग किसी दूसरे सैनिक की भी मदद कर पाते | 


इस तरह किसी एक को ढेर सारी मदद और किसी को कुछ भी नहीं जैसी समस्या से बचा जा सकता हैं | कोई विश्वसनीय संस्था ऐसे एप्प बना असली जरुरतमंदो को उससे जोड़ क्राउड फंडिंग का सही इस्तेमाल कर सकती हैं | साथ में उन जरूरतमंदों को पैसे का सही प्रयोग कर असल मदद कर सकती हैं | 


वैसे इस पुरे प्रकरण में बहुत से घटिया लोग ऐसे भी थे जिन्होंने भले चवन्नी की भी मदद बाबा क्या जीवन में किसी गरीब की ना की होगी लेकिन बाबा और उनके जैसे को गरियाने में सबसे आगे होते हैं , बिना सारी वास्तविकता को समझे जाने |  

4 comments:

  1. सही उदाहरण दे कर समझाने की कोशिश की है ।

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(०१-०८ -२०२२ ) को 'अंश और अंशी का द्वंद्व'(चर्चा अंक--४५०८ ) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. सुंदर सामायिक आलेख । किसी की मदद करने से पहले उसकी तरीकों पर भी विचार करना आवश्यक है ।

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  4. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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